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रक्षाबंधन (इस बार होगा कुछ नया )

                   



रक्षाबंधन  का त्यौहार भारत और नेपाल में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता हैं. यह त्यौहार भाई और बहन की आपस के प्यार को दर्शाता हैं, बहन भाई के कलाई में सुन्दर सा धागा बाँध के, भाई का मुँह मीठा करती हैं, उसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं, कुछ इसप्रकार से रक्षाबंधन मनाया जाता हैं। 

यह त्यौहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा हैं, हिन्दुओ का यह बहुत ही अच्छा त्यौहार हैं जो हमें  सीखाता हैं की भाई-बहन का रिश्ता  बहुत ही पावन होता हैं, 

रक्षाबंधन का महत्व 

रक्षाबंधन में बहने भाई को राखी बाँधती हैं, और भाई वचन देता हैं कि वह हमेशा उसकी रक्षा करेगा हर मुसीबत से, और बहन भी भाई से  वादा करती हैं कि वह भी रक्षा करेंगी हर मुसीबत  से,सबसे बड़ी बात यह हैं कि यह त्यौहार सिर्फ सगे भाई बहन के लिए नहीं हैं, भाई -बहन का रिश्ता तो दिल से बनता हैं तो जिसे आप भाई बहन मानते हो उसे आप बाँध सकते हो. 

नोट -आजकल भाई बहन के पवित्र प्यार कि निशानी राखी का अपमान किया जा रहा हैं, कोई गुस्सा में, कोई जबरदस्ती  राखी बाँध के इसका अपमान कर रहा हैं, तो आपलोग से गुज़ारिश हैं यह सब ना करें. 


कुछ नया करते हैं 

इस साल राखी में कुछ नया करते हैं, पहले भाई बहन को राखी बांधेगा और उसके बाद बहन भाई  को राखी बांधेगा. चलिए इसकी सुरवात करते हैं इससे बहनो को आगे बढ़ने कि शक्ति मिलेगी, हौसला बढेगा आगे बढ़ने की, ladies first जुमला को आगे बढ़ाते हैं और एक नया दौर शुरू होगा, रक्षा का जो वादा किया हैं अपने बहनो से वह निभाने का वक़्त आगया हैं, जैसा अभी देश और विदेश में लड़कियों की सुरक्षा सही नहीं हैं  इसलिए भाई का फर्ज़ निभाने का वक़्त आगया हैं, अपने बहनो को तौफा में कोई सामान नहीं, घर से आत्मरक्षा के लिए मार्सेल आर्ट की ट्रेंनिंग का परमिशन दिला दीजिये ताकि जो भाई अपने बहन का रक्षा का वादा किया हैं, वह वादा टूटे ना, इस साल हर भाई अपने बहन से वादा करें की आपकी रक्षा हमारी जिम्मेदारी, जहाँ हम ना पहुंच सके बेहना वहां आपको इस काबिल बना देने का ज़िम्मेदारी हमारी की आप अपने आप की रक्षा कर सको, आपकी खुशियों की ज़िम्मेदारी, आपकी की शिक्षा की ज़िम्मेदारी। 

रक्षाबंधन की शुरुवात कैसे हुई 

रक्षाबंधन की शुरुवात की ढ़ेर सारी कहानिया हैं, उसमें से एक यह हैं - मेवाड़ की रानी कमरावती को बहादुरशा द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सुचना मिली. रानी लड़ने में  अशमर्थ थी इसलिए उन्होंने राजा हुमायुँ  को राखी भेज के रक्षा करने की अचना की. हुमायुँ ने राखी की लाज रखते हुई रानी कमरावती की और मेवाड़ की रक्षा की. 

एक बार नया सोच पे ज़रूर सोच विचार कीजियेगा, सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें. 

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