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जंगल

कहानी हैं चार दोस्तों की एक बार वह घूमने के लिए जंगल गया, चारों के अलग -अलग शौक़ थे एक  को पेड़ चढ़ने मे मज़ा आता था दूसरे  को मछली पकड़ना, तीसरे को खाना बना, और चौथा को सिर्फ खाना पसंद था, जोड़ी तो ऊपर वाले ने अच्छा बनाया हैं। चारों दोस्तों को जंगल मे एक दिन पूरा बिताने  का सपना था तो वह पूरा सपना पूरा करने के लिए वह लोग जंगल आगये, बहुत ही खूबसूरत जंगल था, लंबे और उच्चे -उच्चे पेड़ थे, पंछियों की प्यारी प्यारी आवाज़े, बहुत मज़ा आरहा था, सबसे पहले वह लोग टेंट बनाने का सोचा, फिर क्या चार दोस्त साथ हो और काम तुरंत हो जाये ऐसा भला हो सकता हैं, तो मस्ती का सिलसिला शुरू हो गया, कोई किसी को मार रहा हैं, कोई किसी का कपड़ा उठा के फेक रहा हैं तो कोई यह सब पल को अपने कैमरे मे कैद कर रहा हैं, ऐसा पल  बार बार थोड़ी मिलता हैं, तो मस्ती खतम करने के बाद चारों काम मे लग गए टेंट रेडी हो गया। 

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फिर क्या सारा ज़रूरत का सामान रेडी करने के बाद, अपना अपना शौक़ पूरा करने का पल आगया था, राज़ तो पहले से ही स्टार्ट हो गया था वह पेड़ पे चढ़ गया और खूब जोड़ जोड़ से चिल्ला रहा था, और हर दोस्त का ग्रुप मे एक समझदार कह लीजिये या ज़िम्मेदारी उठाने वाला होता हैं, तो राहुल समझा रहा हैं राज को की ज्यादा मत चिल्ला भाई जंगल मे, और करण -राजू और चिलाने बोल रहा हैं राज़ को, तो मस्ती का सिलसिला बरकार था, राजू जिसे खाना बनाने का शौक़ था वह खाना बनाने का तैयारी करने लगा और अपना राहुल खाने का 😀😀.करण मछली पकड़ने चला गया राज़ के साथ, करण ने मछली पकड़ने के लिए काटा फेका नदी मे पर 1घंटा से बेचारा परेशान हैं पर एक भी मछली हाथ नहीं लगी और राज़ को पूरा मौका मिला करण का मज़ाक उडाने के लिए, वह बोला करण तुमसे ना हो पायेगा अपना अर्जुन को बुलाओ तब मछली हाथ आएगा 😀😀, करण पर थोड़ा गुस्सा हो गया, और कहा उठा के तुझे अभी नदी मे फेक देंगे और हसने लगा, राज़ बोला आउ भाई अपना दिल का तमना पूरा कर ले, ऐसा दोस्ती बेकार जो अपना दोस्त का एक छोटा सा तमना पूरा ना कर सके। करण बोला बस बे बहुत डयलॉग मार रहा हैं, अभी सच मे तुझे फेक देंगे।  अरे फेक ना मेरी जान राज़ बोला, फिर क्या करण दौड़ने लगा राज़ को उठा के फेकने के लिए फिर क्या राज़ चिल्लाया भाईलोग जल्दी आउ करण मुझे नदी मे फेकने वाला हैं, आवाज़ सुन के राहुल और राजू भी आगया और करण को बोला अच्छा आईडिया हैं भाई फेक उठा के राज़ को 😀😀फिर तीनो मिल के राज़ को पकड़ने लगा, कुछ देर के बाद राज़ पकड़ा गया और उसका उठा के नदी पास लाया और मज़ाक मे पूछा बोल तेरी आख़री इच्छा क्या हैं पर दोस्त लोग को क्या पता था की सच मे राज़ का आख़री दिन हैं, राज़ ने कहा भाई मुझे छोड़ दे यही मेरा आख़री इच्छा हैं, तीनो ने राज़ को उठाया और बोला ठीक हैं दोस्त का इच्छा को दोस्त नहीं पूरा करेगा तो कौन करेगा और उठा के नदी मे फेक दिया, जैसे ही नदी मैं राज़ को फेका तुरंत एक मगरमछ आके राज़ को पकड़ लिया, यह देख के तीनो घबरा गए पर तीनो ने भाग के राज़ को बचाने के लिए गया पर बहुत देर हो चूका था मगरमछ राज़ को लेके पानी के अंडर चला गया। तीनो बहुत रोने लगे बचपन का फ्रेंड्स था, हसीं खुशी गम सबकुछ साथ मे जिया था, राज़ अब नहीं रहा यहलोग को यकीन नहीं हो रहा था और अपने आप को सब कोष रहा था की ऐसा मस्ती हमलोग ने क्यू किया, कोई बोल रहा यहाँ ना आते और ना ऐसा होता, राहुल बोला अब आंटी को क्या बोलेंगे हमलोग और रोने लगा। 


सबका रो के बुरा हाल था किसी को कुछ समझ नहीं आरहा था पूरा जंगल मानो शांत हो गया हो, कुछ देर के बाद फिर तीनो नदी मे बहुत देर तक खोजते रहे पर निराशा हाथ लगी। शाम हो गयी अब अंधेरा भी हो गया तो तीनो ना चाहते हुए भी अपने टेंट के पास आगये, बहुत देर तक तीनो दोस्त साथ मे थे पर किसी की मुँह से एक आवाज़ भी नहीं निकला, सब गहरे सोच और गम मे खोये हुए थे, रात इसी तरह बीत गयी, सुबह चिड़ियों की आवाज़ से पहले यह लोग उठ गए थे क्यूकि वह लोग सोया ही नहीं। राहुल ने फिर हिम्मत देते हुए कहा कि चलो अब घर, आंटी को भी यह बात बतानी हैं उसे पहले हमें पुलिस स्टेशन जाके सब बात बतानी होंगी। फिर जंगल से निकल के पुलिस स्टेशन गया, आपलोग कि जानकारी के लिए बता दू जंगल बहुत घना था और वह बहुत अंडर मे था तो मदद के लिए बुलाने का सोच भी नहीं सकता और यह घटना इतना पलक झपकते हो गया कि मदद माँगने का मौका नहीं मिला। 

पुलिस स्टेशन मे सारी घटना बताने के बाद पुलिस ने राज के पेरेंट्स को कॉल कर के बुलाया लिया। राज कि माँ दोपहर को पुलिस स्टेशन पहुंची क्यूकि यहलोग शहर के बाहर जंगल मे घूमने आये थे। ऑन्टी कि हालत तो बहुत ख़राब थी उसे तो बोला नहीं जा रहा था, कुछ इसी तरह हाल दोस्तलोग का था. राहुल आंटी को समझा रही थी कि ऑन्टी अपने आप को संभालिये, कुछ देर के बाद राजू, करण और राहुल के भी माँ -बाबा आगये। करण को पुलिस अंदर रूम मे पूछताछ के लिए ले गया, करण को बहुत डर लग रहा था, पुलिस करण से पूछा कि तुमने राज को फेका नदी में, करण खोया हुआ हैं पुलिस ने फिर से पूछा पर वह फिर कुछ नहीं बोला इसबार पुलिस ने जोड़ से कहा karan, करण जोड़ से बोला मैंने नहीं फेका करण को नदी में चिलाता हुआ उठा, राज़ ने पूछा क्या हुआ करण तो वह चौक गया और राज से बहुत जोड़ से पकड़ के गले लग के रोने लगा और बोल रहा था हमलोग को छोड़ के कहा चला गया था राज, फिर राज़ ने एक तमाचा मारा फिर कहा अबे भाई तुझे क्या हुआ हैं, आँख खोल के सही से देख हमलोग तो सब यही हैं और मुझे क्या हुआ हैं मैं मस्ती से पेड़ पे बैठा था और तुम मछली पकड़ रहे थे, फिर करण सही से देखता हैं तब समझ आता हैं कि वह सपना देख रहा था, फिर वह बात सबको बताया कि ऐसा बात था भाई तो राज़ ने फिर एक तमाचा ज्यादा अबे साले इतना जल्दी मुझे मार देगा 😀😀और सब करण का मज़ा मज़ा लेने लगे। 

नोट -आगे कहानी जारी रहेगा तो आएगा ज़रूर।।। 

 


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