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कहानी (Part -2)

Note- नये  viwers के लिए मैं पहला part का लिंक दे रहा हुँ यहाँ पहले पढ़ ले तब आपको आगे पढ़ने और कहानी समझने मैं मज़ा आएगा। https://rajmiraj56.blogspot.com/2020/08/blog-post_11.html

सपना देख के ज़ब मैं अपनी माँ की गालियों से उठा तो मन मे एक बेचैनी थी की आगे कहानी क्या होता, माँ को मैंने बताया की माँ मैं ऐसा सपना देख रहा था, तो मेरी माँ ने एक और गाली देने के बाद कहा की यह सपना नहीं हैं नालायक कल मैंने तुझे अपनी देवरानी यानि तेरी चाची की आपबीती बताई थी, खुशी से मैंने माँ से कहा माँ आगे बताये ना क्या हुआ था, तो मेरी माँ ने कहा की ज़ब तुम्हारी चाची  की आँख खुली तो वह जमीन पर पड़ी मिली और वह घबरा के माँ और बाबा को आसपास खोजने लगी पर माँ और बाबा नहीं मिला, तुम्हारी चाची खूब रोने लगी, समझ नहीं आरहा था की वह अब क्या करें। 

फिर उसे थोड़ी दूर घर नज़र आरहा था, वह घर के तरफ जाने लगी तो सबकुछ जाना पहचाना लग रहा था फिर ज़ब ठीक से देखा था तो अपने ही गाँव मे थी अब दौड़ के भागी भागी अपने घर तरफ जाने लगी गाँव मैं खूब मातम का माहोल था लोग रो रहे थे अपनो के बिछङने पर, ज़ब लोगो ने देखा तो हाल चाल पूछने लगी बेटी कैसी हो माँ और बाबा कहा हैं तो चाची रोते हुई बोली की यही बात तो मैं आपलोग से पूछने वाला था, गाँव के लोग भी रोने लगी, बेटी अपने आप को संभालो अपने आप को, गाँव की हालात खराब थी कुछ पक्के घर को छोड़ का सारा कच्चा घर टूट गया था, चाची का घर भी टूट गया था, मीडिया ग्राउंड रिपोर्ट कर रहे थे लाइव, गाँव मैं सिबिर लगा था चाची भी लोगो के साथ जाके बैठ गयी और भाई को याद करने लगी की भाई आ जाऊ और रोने लगी। 

भगवान का करिश्मा देखिए बहन ने जैसे भाई को याद किया वैसे ही भाई जो शहर मे था उसने टीवी ऑन किया और न्यूज़ लगाया तो तूफान मे बर्बाद हुई गाँव का न्यूज़ चल रहा था, अचानक से अपने गाँव का नाम सुनाई दिया तो भाई साउंड बढ़ा के कन्फर्म कर रहा था की कही गलत नाम तो नहीं सुना हैं ना पर उसने सही सुना था, तुरंत वह बाबा को फ़ोन मिलाया पर फ़ोन नहीं लग रहा था, बार -बार मिलाने पर फ़ोन नहीं लगने पे वह घबरा के अपने आप को दिलासा दे रहा था की सबकुछ ठीक होगा, फिर वह गाँव जाने के लिए निकल गया, रास्ता मे भी भाई फ़ोन मिला रहा था पर नहीं लग रहा था, 4-6 घंटा के शफर के बाद वह गाँव पंहुचा तो गाँव का हालत देख के रोने लगे फिर वह सबलोग से पूछना शुरू किया चाचा मेरी बहन बाबा और माँ को देखा आपने फिर एक आदमी ने कहा बेटा आगे सिबिर लगा है वहां तुम्हारी बहन को जाते देखा हैं, भाई भाग के गया और बहन को देख के खुशी से रोने लगा, बहन भी रोने लगी, बहन ने कहा की भाई बाबा और माँ नहीं मिल रही हैं फिर सारा बात बहन ने भाई को बताया। 

भाई बहन को समझा रहा था सब ठीक हो जायेगा बहन, पर वह भी अंडर से टूट गया था। कहते हैं ना हम इंसान हालत के हिसाफ के अपने आप को adjust कर लेते हैं, कुछ महीना बाद हालत गाँव का ठीक हो गया फिर लोग पहले की तरह नार्मल जीवन जीने लगे, बहन की शादी का समय थोड़ा आगे कर दिया हालत को देखते हुई आपसी सहमति से, भाई अब काम मैं पूरा मन लगा के रात -दिन मेहनत करने लगा और वह दिन भी आगया जिसके लिए इतना मेहनत किया जा रहा था, बहन की शादी का, बड़ी धूम -धाम और रीती -रीवाज से बहन की शादी हो गयी, गम के बाद खुशी का मज़ा ही कुछ होता हैं। बहन ने कहा भाई अब आप भी शादी कर लो अकेले कैसे रहोगे अब मे तो परायी हो गयी, रोते हुई बहन अपने ससुराल चल गयी। 

मैं खुशी से चिल्लाया वाह माँ चाची का शादी हो gaya😀😀😀 पर माँ रोने लगी, मैंने माँ से पूछा आप रो क्यू रहे हैं माँ यह तो खुशी की बात हैं ना, चलिए मुझे चाची का घर जाना हैं कहा हैं चाची का घर, इसके बाद तो माँ और रोने लगी, मैंने कहा ठीक हैं माँ नहीं जाना चाची का घर बस आप रोये नहीं plz। 

माँ ने कहा बेटा तुम्हारी चाची इस दुनिया मे नहीं हैं, तुम्हारी चाची शादी के बाद ज़ब ससुराल गयी तो सबलोग खुशी से जिंदगी चल रही थी पर अचानक एक दिन सर पे चाची का दर्द करने लगा और उसे हॉस्पिटल ले जाना पड़ा, डॉ ने ज़ब बताया की चाची कुछ दिन की मेहमान हैं तो सब का हक्का बका बंद हो गया, कुछ देर के बाद ज़ब डॉ ने बताया की ब्रेन कैंसर हो गया हैं और आख़री स्टेज हैं तो भाई यह बात को सह नहीं पाए और उनका वही देहांत हो गया दिल का दौरा पड़ने से। यह बात चाची से छुपाई भी नहीं जा सकती क्यूकी वह भी कुछ दिन की मेहमान हैं। पता चलने पे चाची की हालत और ख़राब हो गयी और वह भी 2दिनों के बाद इस दुनिया को छोड़ के चली गयी। 


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