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Sawan का महीना

  • धरती  ने नई चादर ओढ़ना शुरू कर दिया है, चारो और हरियाली ही हरियाली  दिखने लगता है, हर तरफ पृथ्वी स्नान मैं डूबी नज़र आती है, पेड़ मैं नये पते हवा मैं लहरा  रहे है, माखन जैसे कीचड़ पैरो मैं लगने को बेताब है, चारो तरफ भोले- भोले का जाप होने लगा है, यह जो नयापन की आहात है, इसी को तो सावन  कहते है. सावन का महीना हिन्दुओ का सबसे ख़ास महीना मना जाता है और इसके ख़ास मानने के बहुत कारण है और उनमें से एक यह है की भगवान शिव जी को यह महीना बहुत पसंद है. 
                             
    
 इस साल सावन का आगमन 6जुलाई  से शुरू हो चूका है और इस साल सावन का सुरुवात सोमवार  से हुआ है और खत्म भी सोमवार को होगा कितना अच्छा सयोग है. इसी महीने भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त सावन सोमवार का व्रत रखते है और गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करने के लिए कावर यात्रा करते है और महिलाएं मंदिर मैं जाके शिव की पूजा करते है, लोगो का कहना है की माता पार्वती जी इसी महीने शिव जी को पाने के लिए तपस्या किये थे और उनकी तपस्या सफल हुई. 

       शिव ने किया विस्पान 
पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है की धरती को बचाने के लिए, समुन्द्र मंथन से निकले विश को पी लिया था. इससे उनका शरीर बहुत ज्यादा गरम हो गया था और इससे शिव जी बहुत ज्यादा परेशान थे, तभी इंद्र जी ने बारिश करवाई ठीक और कहते है यह महीना सावन का था. इस प्रकार से शिव जी विषपान करके धरती को बचाया था तभी से मान्यता है की शिव जी सावन के महीने मैं शीघ्र भक्तो की तकलीफों, परेशानी को दूर करते है। इसलिए सावन माह मैं उज्जैन, देवघर, हरिद्वार, वाराणसी मैं भक्तो का सैलाब देखने को मिलता है. 

            आप सभी को सावन की हार्दिक सुभकामनाएँ। 

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