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बदला

 Hi मेरा नाम क्या हैं मुझे ही याद नहीं हैं तो में आपलोग को क्या बताऊ, पर जहाँ में अभी रहता हुँ वहां के लोग मुझे भोलू कहते हैं तो आपलोग भी मुझे भोलू कह सकते हो। 

हर दिन में एक सपना देखता हुँ, सपने में एक लड़की और एक बच्चा नज़र आता हैं और बस उसके बाद मेरा नींद टूट जाता हैं, मुझे लगता हैं की मेरा कोई रिश्ता हैं उस लड़की और बच्चे से, गाँव वालो का भी कहना हैं भोलू बेटा तुम हमलोग को नदी के किनारे मिले थे, बहुत ही जख़्मी हालत में, पेट में तुम्हारे चाकू लगा हुआ था और चेहरे पे बहुत सारे चोट के निशान, तुम 1साल से यहाँ हो, मंदिर के पुजारी ने तुम्हे सबसे पहले देखा था और फिर सबको बुलाया के तुम्हे वहां से उठाया और तुम्हारा इलाज़ करवाया, तुम 6महीने तक कोमा में थे, डॉ ने कहा था की शायद ज़ब उसको होश आये तो उसे अपनी बीती जिंदगी की कोई बाद याद ना रहे तो, आपलोग उसको परेशान मत कीजियेगा। 



बस यही कारण हैं भोलू बेटा हमलोग ने तुम्हारा नाम कारण किया और तुम्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया, पर अब लग रहा था की तुम अब ठीक हो इसलिए बता रहा हुँ, तुम्हारे जेब से कुछ सामान मिला था, इसमें एक फोटो हैं और एक लॉकेट, तुम्हारा id भी था पर वह सब पानी में भींग के खराब हो चूका था, ज्यादा कुछ तो नज़र नहीं आरहा था बस बहुत पढ़ने के बाद पता चला की इसमें राजस्तान लिखा हुआ हैं, शायद तुम राजस्तान के रहने वाले हो, 

फिर ने ज़ब मैंने फोटो देखा तो मैं देखता ही रहा फिर मुझे अचानक से एक घर नज़र आया ज़ब मैंने अपने आँख को बंद किया, तस्वीर मैं वही लड़की और बच्चा हैं और साथ मैं उसके साथ मैं हुँ,  पर फोटो भी उतना सही नहीं हैं बस पता चल रहा हैं मुझे, क्यूकी पानी में वह भी ख़राब हो गया हैं भींग के, पर में अब राजस्तान जा रहा हुँ अपनी पहचान को खोजने के लिए, और जानने के लिए की मेरे और मेरी फैमिली के साथ क्या हुआ? 

निकल पड़ा हुँ सफर में, सफर हैं अपने आप को तलाश करने का अपने फॅमिली का, सफर हैं मुश्किल, पर मुश्किल से तो मेरा पुराना नाता हैं ,राजस्थान जाना हैं मुझे, एक बात तो समझ आगया, या तो में बहुत अमीर था तब ही मेरे साथ यह हादसा हुआ हैं, या तो में गरीब था, चलिए राजस्तान जाके पता करते हैं। पता हैं राजस्थान शहर बड़ा हैं  पर जहाँ चाह हैं वहां राह हैं, और यह तो मेरी ज़िन्दगी का सवाल हैं, में अपना सब कुछ दाव पे लगा लूँगा। 


राजस्थान पहुंच गया हुँ में, सबसे पहले में हर city और गांव के चाय दूकान पे जाने  का सोचा हुँ, क्यूकी चाय दूकान पे जितना इनफार्मेशन मिल जाता हैं वह आपको पुलिस स्टेशन में भी नहीं मिलेगा, मैंने राजस्थान का पूरा नक्शा में पॉइंट कर के रखा हुँ, पूरा राजस्थान छान लूँगा में, जयपुर से मैंने शुरू किया हुँ, चाय दूकान में गया, पहले मैंने पूछा क्या आप मुझे पहचानते हो, तो भाईसहाब ने कहा है तू मेरा ताऊ हैं और हसने लगा 😀पर मुझे हसीं नहीं आया, फिर मैंने उसे अपना कहानी बताया फिर उन्होने मुझसे माफ़ी माँगा और मेरा help करने के लिए मेरा वह फोटो को देखा और कहा भाया यहाँ का तो नहीं लगता हैं पर आप एक काम करो एक कॉपी फोटो दो और फोटो में भी अपना contact नंबर डाल देना, मिलने से कुछ जानकारी तो हम आपको फोन करेंगे और अपना दूकान में फोटो लगा देंगे, ठीक हैं न भाया, ठीक हैं भाया फिर में एक नहीं 15 कॉपी निकाला, और एक कॉपी दे के वहां से दूसरा जगह के लिए निकल गया ऐसे कर के मैंने  राजस्थान के सारा जगह घूम लिया बस अब एक जगह बचा हैं उसका नाम हैं हनुमानगर, मेरी आख़री उम्मीद, भगवान कर मिल जाए मुझे कुछ जानकारी की में कौन हुँ, क्या हुआ था मेरे और मेरी फैमिली के साथ, 6महीना हो गया कही से कुछ जानकारी नहीं मिला हैं। 

हनुमान नगर में चाय दूकान में पूछ रहा था तभी अचानक से मुझ पे हमला हुआ, मुझे कुछ समझ नहीं आया मेरे साथ यह क्या हो रहा हैं, फिर एक बंदा आया और रोहित भाया बोल के मुझे पुकारा और मुझे वहलोग  से बचा के एक घर में लाया... रोहित भाया आप बदला लेने आगये, मुझे पता था आप आएंगे ज़रूर 


कहानी जारी हैं......................... 


 

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