डॉ तपन कुमार लाहिरी का जन्म कोलकाता में हुआ था अमेरिका से डॉक्टर की पढ़ाई करने के बाद 1974 में bhu में लेक्चर के पद पर 250 रूपए महीने पर उनकी पोस्टिंग हुई। गरीबो के सेवा के लिए उन्होंने शादी नहीं की।
वेतन नहीं लेते थे वह
आजकल के डॉ जहाँ डेड बॉडी से पैसा कमाते हैं, जबरन ऑपरेशन कर के पैसा छाप रहे हैं वही बात करें डॉ तपन कुमार लाहिरी की तो 1997 से ही उन्होंने वेतन लेना बंद कर दिया था।
उस समय उनकी सेलरी 1लाख से ऊपर थी। रिटायर होने के बाद जो pf मिला वह भी उन्होंने bhu के लिए छोड़ दिया। डॉ लाहिरी बताते हैं कि रिटायरमेंट के बाद अमेरिका के बहुत बड़े हॉस्पिटल से ऑफर मिला, पर उन्होंने अपने देश में ही रह कर देश के लोगो का सेवा करने का मन में इरादा बना लिया था। वह प्रतिदिन सुबह 6 बजे bhu पहुंच जाते थे और 3 घंटा ड्यूटी कर के घर वापस लौट आते हैं। इसी तरह हर शाम अपना ड्यूटी बजाते हैं और इसके लिए वह bhu से आवास के इलावा कुछ नहीं लेते हैं।
Reitired होने के बाद भी दिलोजान से लोगो कि सेवा करने वाले डॉ तपन कुमार लाहिरी को ओपन हार्ट सर्जरी में महारत हासिल हैं। वाराणसी के लोग उन्हें महारपुरुष कहते हैं। डॉ लाहिरी जितना अपने पेशे के साथ प्रतिबद्ध हैं, उतना ही समय के भी पाबंद हैं आज उनकी उम्र 75 साल हो चुकी हैं, लेकिन उन्हें देख के bhu के लोग अपने घड़ी में टाइम मिलाते हैं। वह हर रोज़ अपने नियमित टाइम पे bhu पहुंच जाते हैं काम खत्म कर वापस घर आ जाते हैं । रिटायर होने के बाद कॉलेज वालो ने उन्हें इमेरिटस दर्ज़ा दिया था। वह वर्ष 2003-2011 तक वहां इमेरिटस टीचर रहे। इसके बाद डॉ लाहिरी के काम को देख के कॉलेज वालो ने फिर से इमेरिटस के तौर पे नियुक्त किया हैं और अभी तक डॉ लाहिरी सर अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहा हैं।
उत्तरप्रदेश के मुख्यामंत्री योगी से मिलने को इंकार कर चुके हैं
लोगो का निशुल्क इलाज़ करने वाले बनारस हिन्दू विशवविधालय (bhu)के जाने -माने कार्डिओथोरिस्ट सर्जन पद्म श्री डॉ तपन कुमार लाहिरी ने उत्तरप्रदेश के मुख्यामंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके घर पर जा के मिलने को इंकार कर दिया था। योगी को वारणसी के जिन प्रमुख हस्तियों से मिलने कि इच्छा थी उनमे से डॉ लाहिरी भी थे। मुलाक़ात कराने के लिए पहुचे अधिकारी से उन्होंने ने कहा कि योगी जी को मिलना हैं तो मेरे ओपीडी में मिले। इसके बाद cm से मिलने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया।
अब कहा जा रहा हैं vip का ओपीडी में आने से वहा के मरीज को प्रॉब्लम हो सकता था इसलिए cm जी नहीं आये। जानकार ऐसा भी बताते हैं कि यदि योगी जी ओपीडी मिलने जाते तो डॉ लाहिरी जी योगी को भी मरीजों के लाइन पे लगने बोलते इसलिए नहीं आया योगी जी। इससे पहले डॉ लाहिरी जी तात्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी को भी इसी तरह मना कर चुके हैं मिलने से। इससे पता चलता हैं कि डॉ साहब कितने अच्छे इंसान हैं जो अपना पूरा जिंदगी अपने देश और देश के लोगो के सेवा पे निछावर कर दिया हैं। वर्ष 1994 से अपना पूरा वेतन गरीबो को दान करते रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद भी बस उतना ही पैसा रखते थी जिससे अपना गुजारा हो सके बाकि पैसा वह bhu में ही दान कर देते हैं ताकि गरीबो का भला हो सके। आज भी आप उन्हें अन्नपूर्णा होटल पे 25 रुपये का थाली खाते हुई देख सके हैं।
सलूट करता हुँ में ऐसे सच्चे इंसान और सच्चे डॉ को, और मुझे इससे इंसान के बारे में आपलोग को बताने में बहुत खुशी हो रहा हैं. अच्छा लगे तो आपलोग मेरा ब्लॉग को शेयर करें धन्यवाद।
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Nyc
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