किसान मुझे तो आज के हालात देख के लगता हैं की किसान को ऐसे नहीं कि -शान ऐसे लिखना चाहिए, देश के हर परिवार के कोई ना कोई बंदा किसान ज़रूर होगा, फिर ऐसा क्यू हो रहा हैं कि आपलोग अपने ही रिश्तेदार को समझ नहीं पर रहे, क्या कोइ पोलिटिकल पार्टी आपके परिवार से भी बढ़ के हो गया हैं कि आपलोग अपने किसान के विरुद्ध खड़े हो गए.
आपलोग को ऐसा क्यू लग रहा हैं कि किसान सिर्फ अपने फ़ायदा के लिए लड़ रहा हैं, ऐसा यदि होता तो किसान इतने दिनों तक राजधानी में इतनी ठंड और बहुत सारे कठिनायों का सामना नहीं करते और अपने अपने घर चले जाते, कितने किसान भाई अपना बेटा खोया तो कोइ अपनी बेटी बहु, बीबी पर फिर भी डटे हुए है क्यू आपलोग के लिए, चलिए थोड़ा आपलोग example देके समझाते हैं.
किसान =माँ
जी आपलोग सही समझे किसान और माँ दोनों एक सामान हैं वह अपने बारे में पहले नहीं सोचते हैं पहले अपने बच्चो के बारे में सोचते हैं, माँ को यदि खानें ना मिले तो चलेगा पर वह अपने बच्चों को भूखा नहीं रहने देगा, उसी तरह किसान भी हैं.
आपलोग सोचो ना यदि बिल वापस नहीं लिया सरकार तो इससे किसान को क्या नुकसान होना हैं, पहले जैसे किसान भाई खेतो में अनाज उगा रहे थे उसके बाद भी उगाएंगे और हो सकता हैं थोड़ा नुकसान और बढ़ जाए वहलोग का पर सबसे बड़ा नुकसान हमलोग का होगा जो अनाज हमें आसानी से मिल रहा हैं ना वह बहुत सारे पैसे देने के बाद मिलेगा, इतना महगा ना कि गरीब लोग भूख से मर जायेंगे और middle क्लास फैमिली का बजट हिल जाएगा, पर इनसब में 2 जन का कुछ नहीं बिगड़ेगा किसान और बड़ा आदमी पूछो क्यू
क्यूकि किसान के पास खाने के लिए अनाज तो होगा और बड़ा (अमीर ) आदमी के पास पैसा अनाज खरीदने के लिए ) अब आपलोग ही सोचे कि किसान फिर इतना आंदोलन और कठिनाइयों का सामना क्यू कर रहा हैं, क्या उसको ज़रुरत हैं 🤔.
इसका एक ही कारण हैं किसान माँ हैं और माँ अपने बच्चों का ख्याल रखना अच्छे से जानती हैं. मैं दिल से कि -शान को salute करता हूँ और मैं उसके साथ खड़ा हूँ, आपलोग बताए आपलोग किसके साथ हैं.
Nice line
जवाब देंहटाएंSuperb information
जवाब देंहटाएंYah koi information nhi hai bhai, dil ka baat hai jo hm likhe hai
हटाएंawesome bhai
जवाब देंहटाएं